ज्यादा नींद आने के कारण और उपाय, Jyada Neend Aane Ka Karan Aur Upay, Jyada Nind Kyon Aati Hai, ज्यादा नींद आने की वजह, Jyada Neend Aane Ka Reason, ज्यादा नींद आने के घरेलू उपाय, Bahut Jyada Neend Aane Ka Matlab, Jada Neend Aane Ki Wajah, ज्यादा नींद आती हो तो क्या करे, अधिक नींद आने का कारण, दिनभर नींद आना, Bahut Jyada Neend Aana, ज्यादा नींद आना, शरीर में सुस्ती थकावट इलाज उपचार

ज्यादा नींद आने के कारण और उपाय, Jyada Neend Aane Ka Karan Aur Upay, Jyada Nind Kyon Aati Hai, ज्यादा नींद आने की वजह, Jyada Neend Aane Ka Reason, ज्यादा नींद आने के घरेलू उपाय, Bahut Jyada Neend Aane Ka Matlab, Jada Neend Aane Ki Wajah, ज्यादा नींद आती हो तो क्या करे, अधिक नींद आने का कारण, दिनभर नींद आना, Bahut Jyada Neend Aana, ज्यादा नींद आना, शरीर में सुस्ती थकावट इलाज उपचार

Jyada Neend Aane Ka Karan Aur Upay

परिचय – ज्यादा नींद आना, Jyada Nind Aana

अक्सर कुछ लोगों की शिकायत होती है कि रात और दिन में भरपूर सोने के बावजूद भी दिन भर झपकी आती है. अगर यह लम्बे समय से है तो यह आलस नहीं बल्कि बीमारी का संकेत है। पर्याप्त सोने के बाद भी हर वक्त नींद आना डिप्रेशन, इन्सोमेनिया, डायबिटीज, हार्ट डिजीज या अन्य बीमारी का लक्षण हो सकता है।
उम्र और शारीरिक स्थिति के अनुसार सभी की नींद की अवधि अलग-अलग होती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा सोना और उसके बाद भी कमजोरी महसूस होना और हर समय नींद आना जैसी समस्या आपके फिट न होने को बताता है। इस आर्टिकल में आगे जानिए कि वो कौन सी बीमारी है, जिसकी वजह से ज्यादा नींद आती है।

ज्यादा नींद आने के कारण और लक्षण, Jyada Nind Aane Ka Karan & Lakshan

कई बार हमारा शरीर स्वस्थ नहीं होता और पूरी नींद लेने के बाद भी थकान महसूस होती है, और दिन रात नींद आती है. ज्यादा नींद आने का बड़ा कारण यहां दी जाने वाली बिमारियां भी हो सकती हैं-

डिप्रेशन में आती है ज्यादा नींद
हमेशा नींद आना और शरीर में ऊर्जा की कमी होना डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता है और उसे दिन भर सोते रहने की इच्छा होती है। अगर यह समस्या ज्यादे दिनों तक रहती है तो परेशानी गंभीर हो सकती है।

खर्राटे आना
खर्राटे की समस्या को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया कहते हैं। इसका संबंध नींद और सांस दोनों से है। इसमें सोने पर नाक और मुंह के उपरी हिस्से में हवा भर जाती है जिससे आप मुंह से सांस लेने लगते हैं जबकि हवा के दबाव के कारण नाक से आवाज आने लगती है। इस बीमारी से फेफड़ों को हवा बाहर निकालने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में नींद में बेचैनी महसूस करना, दिन में ज्यादा सोना और दिनभर सुस्त रहना, हर वक्त थकावट महसूस करना, किसी चीज पर ध्यान न लगा पाना, सोते समय सांस में रुकावट महसूस करना आदि शामिल हैं।

मांसपेशियों में दर्द रहना
मांसपेशियों में दर्द रहने किस समस्या को फाइब्रोमाएल्जिया कहते हैं। इसमें मांसपेशियों में दर्द के साथ थकान महसूस होना इस रोग का प्रमुख लक्षण होता है। इस बीमारी की सही पहचान और समझ न होने से इसके इलाज में काफी वक्त लग जाता है। फाइब्रोमाएल्जिया मस्कुलोस्के-लेटल के कार्य को प्रभावित करता है जिससे तंत्रिका तंत्र भी सही तरीके से काम नहीं करता। ऐसे में एकाग्रता की कमी और थकान बनी रहती है।

हाइपरसोमनिया की बीमारी
रात में सोने के बाद भी दिन में लंबे समय के लिए सोना भी एक समस्या है। अगर इसके बाद भी उनींदापन महसूस करना भी हाइपरसोमनिया बीमारी की ओर संकेत कर रहा है। इसमें व्यक्ति १० घंटे से भी ज्यादा सोता है। लेकिन यह नींद व्यक्ति को रिलेक्स नहीं करती और दोबारा सोने की इच्छा होती है। इसी तरह रीकरेंट हाइपरसोमनिया में ज्यादा नींद आती है। इसमें 18 घंटे तक व्यक्ति सो सकता है।

अन्य बीमारियों का होना
एनीमिया, थायराइड, शुगर और कॉलेस्ट्रोल का बढ़ा हुआ स्तर। हाइपोथायरॉइड और डायबिटीज की स्थिति में शरीर में मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है जिससे कोशिकाओं को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है। इससे शरीर की ऊर्जा तेजी से खत्म हो जाती है और थकान व नींद महूसस होती है। इससे बचाव के लिए एक उम्र के बाद रूटीन टेस्ट कराते रहें।

मिनरल्स की कमी भी है ज्यादा नींद आने का कारण
शरीर को चलाने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है और इसकी पूर्ति के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. शरीर को चलाने के करीब 40 प्रकार के पोषक तत्व जरूरी हैं। अगर इनमे से किसी की कमी होती है तो ज्यादा थकान और नींद आती है।

आयरन की कमी होना है ज्यादा नींद आने का कारण
इसकी कमी से मरीज को हर वक्त सोते रहने की इच्छा, थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। आयरन की कमी यानी मांसपेशियों और कोशिकाओं तक कम मात्रा में ऑक्सीजन का पहुंचना। ऐसे में जरूरी है कि आयरन युक्त डाइट जैसे राजमा, हरी सब्जियां, नट्स आदि का सेवन करें। इसके साथ ही कई और तत्व भी जरूरी होते हैं इसकी पूर्ति के लिए नियमित मौसमी फल और सब्जियों खूब खाएं।

समय से डाइट न लेना
शरीर के मेटाबॉलिज्म को शुरू करने के लिए डाइट बहुत जरूरी है। इसमें भी हर दिन सुबह का नाश्ता बहुत जरूरी होता है। नाश्ता न करने पर पूरे दिन थकान महसूस होती है। काब्र्स, प्रोटीन और गुड फैट के कॉम्बिनेशन वाला नाश्ता करना चाहिए। इसके साथ ही समय पर बाकी के मील्स भी लेते रहें।

फिजिकल एक्टिविटी न करना
नियमित रूटीन में वर्कआउट को शामिल करना भी इस समस्या से निजात दिलाता है। रोजाना वर्कआउट करने पर शरीर से हैप्पी हॉर्मोन्स का स्त्राव होता है जो ऊर्जावान बनाए रखते हैं। रोजाना कम से कम ३० मिनट समय अपने लिए निकालें।

शरीर में पानी की कमी होना
शरीर में पानी की कमी होने पर भी थकान महसूस होती है। भरपूर मात्रा में पानी न पीने से रक्त का वॉल्यूम कम हो जाता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व के संचार की गति कम हो जाती है। हर मौसम में कम से कम १२ गिलास पानी जरुर पीना चाहिए।

ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स यूज़ करना
हमेशा मोबाइल फोन और कंप्यूटर या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स से चिपके रहना भी थकान का एक मुख्य कारण है। इन दिनों यह समस्या हर उम्र के लोगों में दिखाई दे रही है। दरअसल लंबे समय तक स्क्रीन पर देखते रहने से शरीर के पूरे सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है और नींद बाधित होती है। इससे आप सुस्ती महसूस करते हैं।

चाय-कॉफी ज्यादा पीना
जरूरत से ज्यादा चाय या कॉफी के सेवन से शरीर में अत्यधिक कैफीन की मात्रा पहुंचने से नींद प्रभावित होती है। नींद पूरी न होने से भी हर वक्त थकान और नींद आने की समस्या रहती है। कई बार तनाव की वजह से दिन भर सुस्ती बनी रहती है और इसका असर सीधा आपकी परफॉर्मेंस पर पड़ता है। नशा करने से भी यह समस्या होती है।

ज्यादा नींद-थकान को दूर करने के उपाय

  • अपनी डाइट में केला, ग्रीन टी, सीताफल के बीज, ओटमील, दही, तरबूज, अखरोट, बींस, पालक आदि जरूर शामिल करें।
  • खाने में हमेशा हाई फाइबर वाले फूड्स ही लें क्योंकि इसमें कंपलेक्स कार्बोहाइडे्रट की मात्रा ज्यादा होती है। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और थकावट नहीं होती है।
  • दो टाइम भरपेट खाना खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ हेल्दी खाते रहें। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगा। सुबह का नाश्ता टाइम पर जरूर लें।
  • दिन में एक बार पालक जरूर खाएं। इसमें पोटेशियम के साथ आयरन और विटामिन बी गु्रप के कई विटामिन होते हैं जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखते हैं।
  • ध्यान योग करें और हमेशा सकारात्मक सोचें। शवासन और भ्रामरी करना लाभकारी होता है।
  • ज्यादा चाय कॉफी का सेवन न करें। अगर कोई नशा करते है तो उसको तत्काल छोड़ दें।दिन भर थोड़ा-थोड़ा पानी या कोई तरल पदार्थ लेते रहें। इससे शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं और ऊर्जा मिलती है।

नींद को नियमित करने के तरीके

  • शरीर के साथ युद्ध मत लड़ें
  • यौगिक अभ्यास – शांभवी महामुद्रा
  • यौगिक अभ्यास – शून्य ध्यान
  • आहार में प्राकृतिक खाद्य पदार्थ शामिल करें
  • गैस से ले कर प्लेट तक : झट ले आएँ
  • कितना भोजन करें
  • नींद को जबरन न रोकें
  • भोजन के तुरंत बाद न सोएँ
  • सोने की उचित मुद्रा
  • अपने तंत्र को साफ रखें

नुकसान – ज्यादा सोने के नुकसान

एक्सपर्ट मानते हैं कि एक व्यक्ति को सामान्य तौर पर 8 घण्टे से ज्यादा की नींद नहीं लेनी चाहिए, लेकिन अमूमन लोग 10 घण्टे तक सोते हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता। नुकसान तब होता है, जब आप इससे ज्यादा सोते हैं। इससे ज्यादा सोने वालों में सुस्ती घर कर जाती है। दिन के किसी भी पहर उन्हें खुद में उत्साह महसूस नहीं होता। याद्दाश्त भी कमजोर पड़ने लगती है। आलस सा सवार रहता है। शरीर हमेशा भारी-भारी सा लगता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए बेहतर है कि नींद को सामान्य किया जाए।
1- दर्द को बढ़ाता है ज़्यादा सोना – जी हाँ! यदि आप हद से ज़्यादा सोते हैं तो ये आपके दर्द को बढ़ा सकता है।ज़्यादा सोने से आपको सर दर्द, चक्कर आने की समस्या, पीठ में दर्द और पैरों में दर्द की समस्या भी हो सकती है।कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि ज़्यादा सोना और कठोर बिस्तर दोनों ही चीज़ें हमारे स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। इससे हमें ना सिर्फ़ दर्द का सामना करना पड़ता है बल्कि कभी कभी हमें तनाव और फ़्रस्ट्रेशन भी होने लगता है।
2- ज्यादा नींद लेने से हृदय रोगों का जन्म होता है – बहुत कम सोना और बहुत ज़्यादा सोना दोनों ही चीज़ें हृदय रोगों को जन्म देती हैं।लार्ज नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रीशन एग्जामिनेशन सर्वे की रिपोर्ट के द्वारा इस बात का दावा किया गया है कि कम और ज़्यादा दोनों ही प्रकार का स्लीपिंग शेड्यूल हृदय रोगों को जन्म देता है।बहुत कम और बहुत ज़्यादा सोने से कोरोनरी हार्ट डिजीज का ख़तरा बढ़ जाता है।इसी तरह नर्स हेल्थ स्टडी के द्वारा एक परिणाम निकाला गया जिसमें कि यह पाया गया कि स्लीपिंग शेड्यूल हृदय रोगों से सीधा सीधा जुड़ा हुआ है।
3- मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है ज़्यादा सोना – यदि हम 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं तो यह हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है। अक्सर देखा जाता है कि जब हम ज़्यादा मात्रा में नींद लेते हैं तो हमें तनाव या फ़्रस्ट्रेशन हो जाता है।हमें ऐसा महसूस होता है कि जैसे हमारा मस्तिष्क भारी हो रहा हो और हमें कुछ समझ में नहीं आता है।हमें किसी भी बिंदु पर अपना कंसंट्रेशन करने के लिए काफ़ी ज़्यादा एफर्ट करना पड़ता है। हम आसानी से किसी भी चीज़ की तरफ़ ध्यान नहीं दे पाते हैं।ज़्यादा सोने से हमारी काग्निटिव क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। किसी भी चीज़ को याद रखना या किसी भी चीज़ को याद करना, ये दोनों ही हमें काफ़ी मुश्किल काम लगते हैं।आप यक़ीन नहीं करेंगे लेकिन ये सच है कि 7-8 घंटे से ज़्यादा सोने पर कभी कभी हमें शॉर्टटर्म मेमोरी लॉस की समस्या से भी गुज़रना पड़ता है।लुमोसिटी ब्रेन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म में हुए शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि सात घंटे की नींद लेने पर काग्निटिव परफॉर्मेंस तीन गुना अच्छी होती है।इसी के साथ इस बात का भी ख़ुलासा किया गया कि 7 या 8 घंटे से अधिक की नींद लेने पर काग्निटिव परफॉर्मेंस प्रभावित होता है।

4- अल्ज़ाइमर – कुछ अन्य शोधों में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि बहुत कम या बहुत ज़्यादा सोने से अल्ज़ाइमर की समस्या हो जाती है।
5- बेचैनी – यदि अत्यधिक मात्रा में नींद ली जाए तो यह न सिर्फ़ तनाव को जन्म देता है बल्कि बेचैनी की समस्या को भी पैदा करता है।
6- डिप्रेशन- जो लोग 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उन में लगातार डिप्रेशन की समस्या बनी रहती है।ओल्डर अडल्ट्स के अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई कि जो लोग 10 घंटे से अधिक की नींद लेते हैं उनकी मेंटल हेल्थ 7-8 घंटे नींद लेने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा नकारात्मक होती है।कुछ शोध यह भी दावा करते हैं कि अत्यधिक नींद हमारी ओवर ऑल हेल्थ को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
7- ज्यादा नींद लेने से वजन बढ़ता है – शोधों में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि अत्यधिक सोना वज़न बढ़ाने की समस्या को जन्म देता है।कनाडा में हुए एक अध्ययन में इस बात का दावा किया गया कि ज़्यादा सोना या फिर कम सोना दोनों ही चीज़ें शरीर का वज़न बढ़ाती हैं।जो लोग 7-8 घंटे से कम या 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनका वज़न लगभग एक किलोग्राम तक बढ़ता है।अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग नौ घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं वे नॉर्मल लोगों की अपेक्षा 21% तक वेट गेन कर सकते हैं।
8- ज्यादा नींद आने से सूजन बढ़ सकता है – 7-8 घंटे की नींद लेना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए उचित है। यदि हम इस मात्रा से अधिक की नींद लेते हैं तो हमारे शरीर में कई बीमारियों के साथ साथ इन्फ्लामेशन की समस्या भी हो जाती है।एक शोध में यह पाया गया कि सीआरपी (सूजन मापन) का स्तर नींद के स्तर के साथ ही बढ़ता और घटता है। वे लोग जो 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनमें 8% तक सीआरपी का स्तर बढ़ता है।
9- हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक का ख़तरा – जब हम पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं तो हमारे शरीर में हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक के चांसेस बढ़ जाते हैं।हमारे शरीर के लिए 7-8 घंटे की नींद बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी है।यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज में हुए एक शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया कि जो लोग 8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनमें हार्ट स्ट्रोक के चांसेस नॉर्मल लोगों की अपेक्षा 46% तक ज़्यादा होते हैं।इसी तरह एक और शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया कि जो लोग आठ घंटे से ज़्यादा सोते हैं फिर चाहे वह रात हो या दिन उनमें हार्ट स्ट्रोक के चांसेस 90% तक होते हैं।
10- मृत्यु के आंकड़े बढ़ाता है ज़्यादा सोना – सेकेंड नर्स हेल्थ स्टडी के शोधकर्ताओं द्वारा इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि ज़्यादा सोने से मृत्यु के आंकड़े भी बढ़ते हैं। इसका मतलब है कि वे लोग जो 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं वे नार्मल लोगों की अपेक्षा थोड़ा कम जी पाते हैं।शोधकर्ताओं द्वारा लाइफ़स्टाइल, रिलेशनशिप, डिप्रेशन और इकॉनोमिक फैक्टर को मृत्यु से रिलेट किया गया।इसके अलावा भी शोधकर्ताओं ने एक और चीज़ का अध्ययन किया कि किस चीज़ के बढ़ने से मृत्यु का आंकड़ा बढ़ता है और इसके लिए उन्होंने ऊपर दिए हुए फैक्टर्स के अलावा ज़्यादा सोने वाले फैक्टर्स को भी अपने सर्वे में शामिल किया।

शोधकर्ताओं के द्वारा यह पाया गया कि जो लोग 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनका स्टेटिस्टिकल ग्राफ़ मृत्यु की ओर नॉर्मल लोगों की अपेक्षा ज़्यादा है। इसका मतलब है कि अत्यधिक नींद लेने वाले व्यक्ति नार्मल लोगों की अपेक्षा ज़िंदगी का लुत्फ़ कम ले पाते हैं।इस तरह इन आंकड़ों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि हमें ना तो बहुत कम सोना चाहिए और न ही बहुत ज़्यादा। यक़ीनन हर एक चीज़ की एक लिमिट होती है जिस को पार करने पर हमें कुछ परेशानियाँ भी उठानी पड़ती है। ठीक यही चीज़ नींद के मामले में भी लागू होती है।

ज्यादा नींद आने के कारण और उपाय, Jyada Nind Kyon Aati Hai, Jyada Neend Aane Ka Karan, ज्यादा नींद आने की वजह, Jyada Neend Aane Ka Reason, ज्यादा नींद आने के घरेलू उपाय, Bahut Jyada Neend Aane Ka Matlab, Jada Neend Aane Ki Wajah, ज्यादा नींद आती हो तो क्या करे, अधिक नींद आने का कारण, दिनभर नींद आना, Bahut Jyada Neend Aana, ज्यादा नींद आना, शरीर में सुस्ती थकावट इलाज उपचार

Disclaimer – हमारा एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पाठको सटीक और भरोसेमंद जानकारी मिले. हालांकि, इसमें दी गई जानकारी को एक योग्य चिकित्सक की सलाह के विकल्प के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है यह सभी संभावित दुष्प्रभावों, चेतावनी या अलर्ट को कवर नहीं कर सकता है. कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें और किसी भी बीमारी या दवा से संबंधित अपने सभी प्रश्नों पर चर्चा करें. हमारा मकसद सिर्फ जानकारी देना है.

स्वास्थ्य से सम्बंधित आर्टिकल्स – 

  1. बीकासूल कैप्सूल खाने से क्या फायदे होते हैं, बिकासुल कैप्सूल के लाभ, Becosules Capsules Uses in Hindi, बेकासूल, बीकोस्यूल्स कैप्सूल
  2. शराब छुड़ाने की आयुर्वेदिक दवा , होम्योपैथी में शराब छुड़ाने की दवा, शराब छुड़ाने के लिए घरेलू नुस्खे , शराब छुड़ाने का मंत्र , शराब छुड़ाने के लिए योग
  3. कॉम्बिफ्लेम टेबलेट की जानकारी इन हिंदी, कॉम्बिफ्लेम टेबलेट किस काम आती है, Combiflam Tablet Uses in Hindi, Combiflam Syrup Uses in Hindi
  4. अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है, अनवांटेड किट खाने की विधि Hindi, अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम, अनवांटेड किट की कीमत
  5. गर्भाशय को मजबूत कैसे करे, कमजोर गर्भाशय के लक्षण, गर्भाशय मजबूत करने के उपाय, बच्चेदानी का इलाज, बच्चेदानी कमजोर है, गर्भाशय योग
  6. जिम करने के फायदे और नुकसान, जिम जाने से पहले क्या खाएं, जिम जाने के बाद क्या खाएं,  जिम जाने के फायदे, जिम जाने के नुकसान,  जिम से नुकसान
  7. माला डी क्या है, Mala D Tablet Uses in Hindi, माला डी कैसे काम करती है, Maladi Tablet, माला डी गोली कब लेनी चाहिए
  8. Unienzyme Tablet Uses in Hindi, Unienzyme गोली, यूनिएंजाइम की जानकारी, यूनिएंजाइम के लाभ, यूनिएंजाइम के फायदे,यूनिएंजाइम का उपयोग
  9. मानसिक डर का इलाज, फोबिया का उपचार, डर के लक्षण कारण इलाज दवा उपचार और परहेज, डर लगना, मानसिक डर का इलाज, मन में डर लगना
  10. हिंदी बीपी, उच्च रक्तचाप के लिए आहार, High Blood Pressure Diet in Hindi, हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए, हाई ब्लड प्रेशर डाइट
  11. क्या थायराइड लाइलाज है, थ्रेड का इलाज, थायराइड क्‍या है, थायराइड के लक्षण कारण उपचार इलाज परहेज दवा,  थायराइड का आयुर्वेदिक
  12. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट, वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट, बाबा रामदेव वेट लॉस डाइट चार्ट इन हिंदी, वेट लॉस डाइट चार्ट
  13. हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार, हाई ब्लड प्रेशर, बीपी हाई होने के कारण इन हिंदी, हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११०, बीपी हाई होने के लक्षण
  14. खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, पेट में भारीपन के लक्षण, पतंजलि गैस की दवा, पेट का भारीपन कैसे दूर करे, पेट में भारीपन का कारण
  15. योग क्या है?, Yoga Kya Hai, योग के लाभ, योग के उद्देश्य, योग के प्रकार, योग का महत्व क्या है, योग का लक्ष्य क्या है, पेट कम करने के लिए योगासन, पेट की चर्बी कम करने के लिए बेस्‍ट योगासन

दिन में नींद क्यों आती है, Din Me Nind Aana, अधिक नींद,  हाइपरसोम्निया के लक्षण, कारण, इलाज, Hypersomnia, दिन में नींद आने के कारण, दिन में नींद आना, Nind Aati Hai, Din Mein Neend Kyun Aati Hai, दोपहर में नींद क्यों आती है, Din Mein Nind Kyon Aati Hai, Din Me Nind Ko Kaise Bhagaye, Din Me Need Kyo Aati Hai, Din Me Neend Kaise Bhagaye, मुझे हमेशा नींद क्यों आती है, Din Bhar Nind Kyon Aati Hai, दिनभर नींद आना, Office Me Nind Aaye to Kya Kare, दिन में नींद क्यों आती है कारण और इलाज

दिन में नींद क्यों आती है, Din Me Nind Aana, अधिक नींद,  हाइपरसोम्निया के लक्षण, कारण, इलाज, Hypersomnia, दिन में नींद आने के कारण, दिन में नींद आना, Nind Aati Hai, Din Mein Neend Kyun Aati Hai, दोपहर में नींद क्यों आती है, Din Mein Nind Kyon Aati Hai, Din Me Nind Ko Kaise Bhagaye, Din Me Need Kyo Aati Hai, Din Me Neend Kaise Bhagaye, मुझे हमेशा नींद क्यों आती है, Din Bhar Nind Kyon Aati Hai, दिनभर नींद आना, Office Me Nind Aaye to Kya Kare, दिन में नींद क्यों आती है कारण और इलाज

Din Mein Nind Kyon Aati Hai, Hypersomnia

दिन में नींद आना, Din Me Nind Aana

सुबह के 11 बजते-बजते अगर आपको भी नींद घेर लेती है तो इसकी वजह सिर्फ रात में ठीक से नींद न आना नहीं, कुछ और भी है। हो सकता है कि आपको सेहत से जुड़ी कोई समस्या हो, जिसके बारे में आपको पता न हो और दिन में नींद आने को आप अपनी आदत या फिर आलस का नाम देकर हल्के में ले रहे हों. अगर वाकई आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आपको जरा ठहर जाना चाहिए और अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करना चाहिए. अगर हम पौष्टिक खाएं और सेहतमंद नींद लें, तो भला दिन में नींद का क्या काम? दिन में उबासी लेने और नींद के झोंकों से खुद को बाहर निकालने के लिए यहां दी जा रही जानकारियों पर गौर फरमाइये-

दिन में नींद क्यों आती है, Din Me Nind kyo Aati Hai?

अधिक नींद आना या दिन में नींद आने का एक कारण हाइपरसोम्निया भी हो सकता है. हाइपरसोम्निया (अधिक नींद), नींद का एक विकार है जिसके कारण व्यक्ति को दिन में बहुत नींद आती है। इसे दिन में अत्यधिक नींद आना या ईडीएस कहा जाता है। हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) से पीड़ित व्यक्ति को सतत नींद की ज़रूरत महसूस होती है और शायद ही कभी पूरी तरह से उसे आराम महसूस हो पाता है। इस विकार के कारण व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा जल्दी नींद आ जाती है और रोजाना के कामों में समस्या होती है। कभी-कभी हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) एक ज्ञात कारण के बिना विकसित हो सकती है, यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसे इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) कहा जाता है।
नींद के अध्ययन का इस्तेमाल यह आंकलन करने के लिए किया जाता है कि कहीं दिन के समय में अत्यधिक नींद, हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) या नींद की बीमारी के कारण तो नहीं आती है। नींद की बीमारी की पहचान तब होती है, जब एक व्यक्ति सामान्य तौर से ज्यादा सोने आरईएम स्तर में प्रवेश करता है।

हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) के लक्षण

  1. दिन में अधिक नींद आना
  2. उठने या जागते रहने में परेशानी होना
  3. जागने के बाद मदहोश या उलझन महसूस करना
  4. रात में अधिक देर तक सोना या दिन में अधिक झपकी लेना
  5. नींद के बाद बेचैनी महसूस होना
  6. मस्तिष्क का थकान
  7. कम ऊर्जावान या सुस्ती महसूस करना
  8. काम करने में समस्या

हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) का कारण

कई प्रकार के कारक नींद से जागने के चक्र को प्रभावित कर सकते हैं और हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) की समस्या पैदा कर सकते हैं। जैसे:

  1. एक ट्यूमर, आघात, सर्जरी, रेडिएशन, या सिर के आघात के प्रभाव
  2. मस्तिष्क की चोट
  3. कॉर्टिकोस्टेरॉयड या दर्द की दवाएं जैसी दवाइयां
  4. हार्मोन बदलाव
  5. उदासी की बीमारी या चिंता
  6. शराब या दवा का दुरुपयोग

कारण – दिन में नींद आने का सामान्य कारण क्या है?

आपके शरीर में एक घड़ी है जो दिन और रात का अंतर समझती है। जो लोग रात को जागने का समय समझते हैं उनकी बॉडी कंफ्यूज़ हो जाती है इस वजह से दिन को सोने का समय करार कर आपको सिग्नल देती रहती है। आयुर्वेद कहता है कि इसके कई कारण हो सकते हैं कि आपको पूरे दिन थकान या नींद लगती है. हो सकता है कि आपके अंदर शारीरिक बदलाव हो रहे हों या फिर दिमागी तनाव हो.
रात में न सोना
रात में जागते वक्त आपको इस बात का पता नहीं रहता कि अगले दिन आपका क्या हाल होने वाला है। आपको रात में नींद आ रही है और आप नींद को त्याग काम करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी काम हाथ में ही है और आप को किसी ने और काम दे दिया और आपने पूरी रात जागरण कर काम करने में बिता दी. रात भर जागने की वजह से दिन में नींद आना एक सामान्य सी बात है.
तनाव, अवसाद, क्रोध
तनाव, अवसाद, क्रोध आदि जैसी चीज़ें नींद के पैटर्न पर बहुत प्रभाव डालती हैं. ये आपको थका देती हैं, जिससे रात को आप ठीक प्रकार से नहीं सो पाते, और दिन में नींद आती है.
कोई छुपी हुई बीमारी
कुछ बीमारियां जैसे, मधुमेह आदि शरीर को अंदर से कमजोर बना देती हैं और जिससे दिनभर नींद आती है. अच्‍छा है कि आप अपना ठीक से ट्रीटमेंट करवाएं और स्‍वस्‍थ रहें.
कुछ लोगों का शरीर ही ऐसा होता है
आयुर्वेद के अनुसार अगर आप कफ दोष वाले हैं तो आप के अंदर शुरु से ही आलस भरा रहेगा. अगर आप भी ऐसी कैटेगरी में आते हैं तो कोशिश करें कि रात को जल्‍दी सो जाएं जिससे आपकी नींद ठीक तरह से पूरी हो सके और दिन में नींद ना आए.
लैपटॉप और मोबाइल
सुनने में साधारण लगता है लेकिन यह महत्वपूर्ण है। आपकी देर रात तक मोबाइल और लैपटॉप में घुसने की आदत आपको परेशानी में डाल रही है। यह आपके शरीर को एनएक्टिव बना रही है वहीं आपके दिमाग को आराम नहीं करने दे रही। इनमें उलझने के बाद आपको समय का भी ख्याल नहीं रहता, आप रातभर जागते रहते हैं और आपको दिन में नींद आती है, जिसकी वजह से आप पूरा दिन सोने में बिता देते हैं.

दिन में नींद ना आये इसके लिए क्या करें

लंच के बाद लोगों को अक्सर नींद की श‍िकायत रहती है. ऐसा कई वजहों से हो सकता है, मसलन, हेवी लंच, रात में नींद पूरी न हुई हो, बहुत ज्यादा थक रहे हाें या कोई मरीज हों आदि. लेकिन आप हमेशा अटेंटिव रहने के लिए निम्लिखित सलूशन फॉलो कर सकते है।

  • कुछ देर टहलें।
  • अपनी मानसिक शक्तियो को केंद्रित करें।
  • चाय-कॉफी पीयें लेकिन बहुत ज्यादा कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन न करे।
  • खुद का ध्यान बटायें, आप कितने थके हुए है इस पर ध्यान केंद्रित करने कि बजाय अपने काम पर ध्यान लगाने की कोशिश करे।
  • हल्का भोजन खायें।
  • किसी को फ़ोन लगाएँ या फिर फॅमिली मेंबर से बात कर ले।
  • पानी पिएँ , पानी की कमी से आपको सुस्ती आ सकती सकते है और पानी पीना जागने में मददगार हो सकता है।
  • स्ट्रेचिंग (streching) वाले व्यायाम करें।
  • अपने चेहरे पर ठंडा पानी छिड़कें।
  • म्यूजिक सुनें – म्यूजिक आपको रिफ्रेश करने में मदद करेगा।

अच्छी नींद के लिए क्या करें?

जीवन में सकारात्‍मकता लाएं
कई लोग शुरु से ही आलसी होते हैं और उनके जीवन का नजरिया हमेशा ही नकारात्‍मक होता है. ऐसे लोगों को अपने रूटीन में योगा, ध्‍यान मेडिटेशन को शामिल करना चाहिए जिससे उनके जीवन में सकारात्‍मकता आ सके और रात में सही वक्त पर अच्छी नींद आ सके.
सोने के पहले भारी एक्ससाइज़ न करें
सोने के पहले भारी एक्ससाइज़ न करें। इससे आपका शरीर जरूरत से अधिक थक जाएगा, दर्द करेगा और दिमाग को अलर्ट होने के संकेत जाते हैं, जिसके बाद नींद लगना मुश्किल हो जाता है.
कमरे की लाइट हल्की रखें
अपनी आदत के अनुसार अपना कमरा रखें फिर भी अंधेरा या कम रोशनी अच्छी नींद में मददगार है। यह उन तरीकों में शामिल है जिसके अनुसार आप कम घंटों में अच्छी नींद का एहसास ले सकते हैं। कम लाइट में स्लीप हॉर्मोन मेलाटिन निकलता है और आप गहरी नींद में सोते हैं।
सोने और जागने का एक समय तय करें
जैसा कि आपको पहले से पता है कि आपके शरीर की घड़ी हर वक्त का ख्याल रखती है। इसे आपके सही समय पर सोने और जागने का समय भी नोट करने दें। इस दौरान आपकी नींद बहुत गहरी होगी और दिन की नींद तो भूल ही जाएंगे।
सोने से पहले अपनी एक्टिविटी चुने
कुछ लोग सोने के पहले नहाने से चैन की नींद सोते हैं। कुछ को किताब पढ़ने से आती है अच्छी नींद और कुछ के लिए संगीत की मधुरता जरूरी है। आपकी आदत क्या है वही आदत डाल लें और उस पर अमल करें। दिन में नींद से बचने का बढ़िया उपाय है।
नींद के समय की तरह खाने का वक्त निश्चित करें
आपका खाना सोने के ठीक पहले न हो। खाने और सोने में लगभग 2 घंटे का फर्क रखें, यानी सोने से 2 घंटे पहले ही भोजन कर लें। खाना ऐसा हो कि आपको अजीब एहसास न होता रहे, मिर्च मसालों और तैलीय खाने के कारण आपको करवटें न बदलते रहना पड़े। रात के समय में सोने से पहले लाइट फूड लेना ठीक होगा जिससे पेट को आराम लगे और आप चैन की नींद सोएं।

दिनभर फ्रेश फील करने के टिप्‍स

अगर दिन में बहुत नींद आ रही है तो आधे घंटे की झपकी ले सकते हैं. अपच की वजह से आपको नींद और थकान महसूस हो सकती है. ऐसे में अपने आहार में अदरक और काली मिर्च को जगह दें. आप चाहें तो बिना दूध वाली अदरक की चाय पी सकते हैं. नियमित व्‍यायाम करें, जिससे शरीर में ऑक्‍सीजन की मात्रा बढे़ और आप फ्रेश फील करें.

  • अपने कमरे की खिड़कियां और दरवाजे हमेशा खुले रखें, जिससे फ्रेश हवा और रौशनी आए. इससे आप हमेशा ऊर्जा से भरे रहेंगे.
  • कुर्सी पर हमेशा सीधे और अलर्ट बैठें.
  • योगा और प्रणायाम करें. इससे आप एनर्जी से भर उठेंगे.
  • पोषण युक्‍त खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
  • अपने डाएट में फलों को शामिल करें.

हाइपरसोम्निया (अधिक नींद) का इलाज और दवाई

ध्यान और सतर्कता बढ़ाने के लिए चिकित्सक उत्तेजक दवाई जैसे कि मोडाफिनिल (Provigil® (प्रोविजिल)) या मेथिलफिनेट (Ritalin® (रिटालिन)) लेने की सलाह दे सकते हैं। मरीजों को दवा चिकित्सक के बताए अनुसार लेनी चाहिए और दवा की खुराक या दवा लेने के समय में कोई बदलाव करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट से बात करनी चाहिए।

स्वास्थ्य से सम्बंधित आर्टिकल्स – 

  1. बीकासूल कैप्सूल खाने से क्या फायदे होते हैं, बिकासुल कैप्सूल के लाभ, Becosules Capsules Uses in Hindi, बेकासूल, बीकोस्यूल्स कैप्सूल
  2. शराब छुड़ाने की आयुर्वेदिक दवा , होम्योपैथी में शराब छुड़ाने की दवा, शराब छुड़ाने के लिए घरेलू नुस्खे , शराब छुड़ाने का मंत्र , शराब छुड़ाने के लिए योग
  3. कॉम्बिफ्लेम टेबलेट की जानकारी इन हिंदी, कॉम्बिफ्लेम टेबलेट किस काम आती है, Combiflam Tablet Uses in Hindi, Combiflam Syrup Uses in Hindi
  4. ज्यादा नींद आने की वजह, Jyada Nind Kyon Aati Hai, ज्यादा नींद आना के कारण, ज्यादा नींद आना, शरीर में सुस्ती, शरीर में थकावट
  5. अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है, अनवांटेड किट खाने की विधि Hindi, अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम, अनवांटेड किट की कीमत
  6. गर्भाशय को मजबूत कैसे करे, कमजोर गर्भाशय के लक्षण, गर्भाशय मजबूत करने के उपाय, बच्चेदानी का इलाज, बच्चेदानी कमजोर है, गर्भाशय योग
  7. जिम करने के फायदे और नुकसान, जिम जाने से पहले क्या खाएं, जिम जाने के बाद क्या खाएं,  जिम जाने के फायदे, जिम जाने के नुकसान,  जिम से नुकसान
  8. माला डी क्या है, Mala D Tablet Uses in Hindi, माला डी कैसे काम करती है, Maladi Tablet, माला डी गोली कब लेनी चाहिए
  9. Unienzyme Tablet Uses in Hindi, Unienzyme गोली, यूनिएंजाइम की जानकारी, यूनिएंजाइम के लाभ, यूनिएंजाइम के फायदे,यूनिएंजाइम का उपयोग
  10. मानसिक डर का इलाज, फोबिया का उपचार, डर के लक्षण कारण इलाज दवा उपचार और परहेज, डर लगना, मानसिक डर का इलाज, मन में डर लगना
  11. हिंदी बीपी, उच्च रक्तचाप के लिए आहार, High Blood Pressure Diet in Hindi, हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए, हाई ब्लड प्रेशर डाइट
  12. क्या थायराइड लाइलाज है, थ्रेड का इलाज, थायराइड क्‍या है, थायराइड के लक्षण कारण उपचार इलाज परहेज दवा,  थायराइड का आयुर्वेदिक
  13. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट, वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट, बाबा रामदेव वेट लॉस डाइट चार्ट इन हिंदी, वेट लॉस डाइट चार्ट
  14. हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार, हाई ब्लड प्रेशर, बीपी हाई होने के कारण इन हिंदी, हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११०, बीपी हाई होने के लक्षण
  15. खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, पेट में भारीपन के लक्षण, पतंजलि गैस की दवा, पेट का भारीपन कैसे दूर करे, पेट में भारीपन का कारण
  16. योग क्या है?, Yoga Kya Hai, योग के लाभ, योग के उद्देश्य, योग के प्रकार, योग का महत्व क्या है, योग का लक्ष्य क्या है, पेट कम करने के लिए योगासन, पेट की चर्बी कम करने के लिए बेस्‍ट योगासन

दिन में नींद क्यों आती है, Din Me Nind Aana, अधिक नींद, हाइपरसोम्निया के लक्षण, हाइपरसोम्निया के कारण, हाइपरसोम्निया का इलाज, Hypersomnia, Hypersomnia Ke Karan, Hypersomnia Ke Lakshan, Hypersomnia Ke Upay, दिन में नींद आने के कारण, दिन में नींद आना, Nind Aati Hai, Din Mein Neend Kyun Aati Hai, दोपहर में नींद क्यों आती है, Din Mein Nind Kyon Aati Hai, Din Me Nind Ko Kaise Bhagaye, Din Me Need Kyo Aati Hai, Din Me Neend Kaise Bhagaye, मुझे हमेशा नींद क्यों आती है, Din Bhar Nind Kyon Aati Hai, दिनभर नींद आना, Office Me Nind Aaye to Kya Kare, दिन में नींद क्यों आती है कारण और इलाज