थॉमस एडिसन की कहानी, थॉमस अल्वा एडिसन की कहानी, Thomas Alva Edison Story in Hindi, Thomas Edison Story in Hindi, Thomas Alva Edison Ki Kahani, Motivational Story of Thomas Alva Edison in Hindi, मेहनत कभी बेकार नहीं जाती, Thomas Alva Edison Story, Thomas Alva Edison in Hindi Story, एडिसन की कहानी, Short Story of Thomas Edison in Hindi, Thomas Edison Ki Kahani
थॉमस अल्वा एडिसन की कहानी, Thomas Alva Edison Story in Hindi
महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन (Thomas Alva Edison) बहुत ही मेहनती एंव जुझारू प्रवृति के व्यक्ति थे| बचपन में उन्हें यह कहकर स्कूल से निकाल दिया गया कि वह मंद बुद्धि बालक है| उसी थॉमस एडिसन ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किये जिसमें से “बिजली का बल्ब” प्रमुख है| उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के लिए हजारों बार प्रयोग किये थे तब जाकर उन्हें सफलता मिली थी|
एक बार जब वह बल्ब बनाने के लिए प्रयोग कर रहे थे तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा – आपने करीब एक हजार प्रयोग किये लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे और आपकी मेहनत बेकार हो गई| क्या आपको दुःख नहीं होता?
एडिसन ने कहा – मै नहीं समझता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए है| मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता| मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ|
कोई भी सामान्य व्यक्ति होता तो वह जल्द ही हार मान लेता लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और हार नहीं मानी| आखिरकार एडिसन की मेहनत रंग लायी और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया|
यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया नहीं और पूरी दुनिया को बल्ब के द्वारा रोशन कर दिया|
सफलता के रास्ते तभी खुलते है जब हम उसके करीब पहुँच जाते है
मेहनत कभी बेकार नहीं जाती| यह विश्वास ही हमें आगे बढ़ने एंव निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है| हमारा हर प्रयास हमें एक कदम आगे बढ़ाता है और हम जैसे जैसे आगे बढ़ते है वैसे वैसे हमारे लिए सफलता के रास्ते खुलते जाते है|
जो व्यक्ति विश्वास नहीं करता वो ज्यादा देर तक प्रयास नहीं कर पाता और जब वह प्रयास नहीं करता तो दूर से उसे आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते है|
ये भी पढ़े –