What is PCOS PCOD Diet Causes Symptoms And Foods For Polycystic Ovary Syndrome PCOD kya hai PCOS Diet in Hindi

पीसीओडी क्या है, पीसीओ आहार, पीसीओ लक्षण, पीसीओ इलाज संभव है, पीसीओडी के लक्षण, पीसीओडी का कारण, PCOD Ke Lakshan In Hindi, पीसीओडी का इलाज संभव है, पीसीओडी का मतलब, पॉलीसिस्टिक अंडाशय आहार, PCOD Kyu Hota Hai, What Is PCOS, PCOD Ka Karan, PCOD Ka Ilaj

पीसीओडी क्या है, पीसीओ आहार, पीसीओ लक्षण, पीसीओ इलाज संभव है, पीसीओडी के लक्षण, पीसीओडी का कारण, PCOD Ke Lakshan In Hindi, पीसीओडी का इलाज संभव है, पीसीओडी का मतलब, पॉलीसिस्टिक अंडाशय आहार, PCOD Kyu Hota Hai, What Is PCOS, PCOD Ka Karan, PCOD Ka Ilaj

परिचय – पीसीओडी, PCOD

Poly Cystic Overy Disorder; आजकल महिलायें पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। वे घर व बाहर दोनों में संतुलन बनाये हुए हैं किन्तु ऐसे में वे अपने शरीर का ध्यान रखना भूल जाती है। अपने ऊपर ध्यान न देने से उनके शरीर में कई बीमारियाँ अपना स्थान बनाने लगी हैं – PCOD (PCOD in Hindi) उन्ही बिमारियों में से एक है। समय की कमी और कार्य की अधिकता के कारण आजकल की लड़कियाँ और महिलायें अपने खाने पीने पर सही से ध्यान नहीं दे पाती और बिमारियों का शिकार हो जाती हैं।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) वाली महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों में ऑटिज्म होने की अधिक संभावना हो सकती है. लड़कियों और महिलाओं के बीच पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस (PCOS) एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए सावधानीपूर्वक मूल्यांकन, समय पर हस्तक्षेप और उचित उपचार की जरूरत होती है. सही समय पर निदान न होने पर पीसीओएस महिलाओं को अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे उच्च रक्तचाप (High BP), उच्च कोलेस्ट्रॉल, चिंता और अवसाद, स्लीप एप्निया, दिल का दौरा, मधुमेह और एंडोमेट्रियल, डिम्बग्रंथि व स्तन कैंसर के लिए कमजोर बना सकता है.” पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं की भलाई सुनिश्चित करने के लिए समाज और परिवारों को साइकोलॉजिकल तनाव को समझने और साथ ही पूरे आत्मविश्वास के साथ दुनिया का सामना करने के लिए उन्हें सहयोग देने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.
शायद आपको पता न हो, पर आपके खाने – पीने और रहन सहन का आपके शरीर और होने वाली बिमारियों पर काफी प्रभाव पड़ता है। आप क्या खाते हैं और क्या पीते हैं, PCOD पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। तो आइये जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्यों यह आजकल की महिलाओं और लड़कियों को इतना प्रभावित कर रही है।

पीसीओडी तथ्य

1- करीबन 70 % महिलाओं को पता ही नहीं होता कि वे पीसीओडी से पीड़ित हैं.
2- पीसीओडी होने का मतलब यह नहीं होता की आप प्रेगनेंट नहीं हो सकती.
3- जीवनशैली में परिवर्तन लाकर पीसीओडी का इलाज किया जा सकता है.

पीसीओडी – पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर, PCOD In Hindi

PCOD kya hai: पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) एक प्रकार का हार्मोनल विकार होता है। यह अधिकतर महिलाओं की प्रजनन आयु में उन्हें प्रभावित करता है। इस डिसऑर्डर में, महिला का शरीर असंतुलित तरीके से हार्मोन का उत्पादन करने लगता है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का उत्पादन भी बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, हर दस में से एक महिला इस डिसऑर्डर से पीड़ित है।

इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS ) के नाम से भी जाना जाता है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्सपाए जाते हैं।

PCOD किन्हे होता है?

5 से 10% महिलायें 15 और 44 वर्ष के बीच, या उन वर्षों के दौरान जब उनको बच्चे हो सकते हैं, PCOD से पीड़ित हो जाती हैं। अधिकांश महिलाओं को उनके 20 और 30 की आयु में पता चलता है कि उनको पीसीओडी (PCOD in Hindi) है, जब उन्हें गर्भवती होने में किसी प्रकार की समस्या आती है और वे डॉक्टर को दिखाती है। लेकिन पीसीओएस आपके यौवन के बाद किसी भी उम्र में हो सकता है । PCOD सभी जातियों और नस्लों की महिलाओं को हो सकता है। अगर आप मोटे हैं और आपकी मां, बहन या मौसी को PCOD की समस्या हैं तो आपको भी पीसीओडी होने का खतरा अधिक हो सकता है।

कारण – PCOD होने के कारण

वैसे तो PCOD होने के सही कारणों का पता लगाना असंभव है किन्तु एक्सपर्ट्स केअनुसार कुछ कारक जैसे आनुवंशिकी मुख्य भूमिका निभाते हैं:
1- इंसुलिन की बढ़ी हुई मात्रा: मानव शरीर में अधिक इंसुलिन के परिणामस्वरूप अधिक एण्ड्रोजन का उत्पादन होता है। यह एक हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है और महिलाओं में बांझपन का कारण बनता है।
2- निम्न-श्रेणी की सूजन: इस पहलू के तहत, शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं पर्याप्त पदार्थों का उत्पादन करने में असमर्थ होती हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। जिन महिलाओं में निम्न-श्रेणी की सूजन होती है, उनमें एंड्रोजन के उत्पादन की संख्या अधिक होती है।
3- जीन: कुछ चिकित्सा पेशेवरों का मानना है कि पीसीओडी (PCOD Meaning in Hindi) महिलाओं को उनके परिवार से मिलता है।

लक्षण – पीसीओडी के लक्षण हिंदी में

इस हार्मोनल विकार से केवल एक ही प्रकार की समस्या नहीं होती है । इसके लक्षण एक महिला के समग्र स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर परिवर्तनशील होते हैं। एक महिला या युवा लड़की अपने पहले मासिक धर्म के आसपास या उसके बाद पीसीओडी के लक्षणों (PCOD Problem Symptoms in Hindi) का अनुभव करती है। पीसीओडी के कुछ सामान्य संकेतों में निम्न शामिल हैं:
1- अनियमित पीरियड्स
2- एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन)
3- चेहरे पर मुंहासे
4- चेहरे पर अत्यधिक बाल
5- अंडाशय का बढ़ जाना
6- पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग
7- वजन बढ़ना
8- त्वचा पर काले धब्बे
9- सिर दर्द
10- बालों का पतला होना

PCOD की जटिलताएं क्या हैं?

यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम या PCOD जटिलताओं की एक विस्तृत श्रृंखला को जन्म दे सकता है। एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सही समय पर निदान और उपचार महत्वपूर्ण हैं। PCOD से जुड़ी कुछ सामान्य जटिलताओं में शामिल हैं:
1- गर्भधारण करने में अक्षमता या अक्षमता
2- मधुमेह या डायबिटीज
3- गर्भपात
4- समय से पहले जन्म
5- लीवर की सूजन
6- स्लीप एप्निया
7- उपापचयी लक्षण
8- डिप्रेशन और चिंता सहित मूड विकार
9- गर्भाशय से असामान्य रक्तस्राव
10- कैंसर

इलाज – पीसीओडी का इलाज  

एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ रोगी के स्वास्थ्य और वांछित चिंता के आधार पर PCOD के लिए एक उपचार पद्धति की सलाह दे सकता है। PCOD के इलाज के लिए आपका डॉक्टर दवाइयाँ लिख सकता है और आपको जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह देगा जैसे कि आहार में बदलाव, स्वस्थ वजन बढ़ाने के लिए शारीरिक गतिविधि, इत्यादि। आपका डॉक्टर आपको फाइबर, विटामिन ई और ओमेगा -3 और -6 फैटी एसिड बढ़ाने के लिए भी कहेंगा।

घरेलू उपचार – पीसीओडी के लिए कुछ घरेलू उपचार भी किये जा सकते हैं जो इस प्रकार हैं-

पीसीओडी के घरेलू उपचार
पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी/ PCOD in Hindi) प्रजनन उम्र की महिलाओं में सबसे आम एंडोक्राइन स्थिति है। जिसका इलाज जीवनशैली में कुछ परिवर्तन लाकर किया जा सकता है, साथ ही कुछ घरेलू नुस्खों की सहायता से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:
आहार में बदलाव
1- इनोसिटोल, जिंक, संयुक्त विटामिन डी और कैल्शियम, कॉड लिवर ऑयल जैसे सप्लीमेंट्स
2- मेप्टा जड़, अश्वगंधा, तुलसी जैसे एडाप्टोजेन जड़ी बूटियां
3- स्वस्थ वजन बनाए रखें
4- अपने व्यायाम को संतुलित करें
5- अच्छी नींद स्वच्छता का अभ्यास करें
6- तनाव कम करना
7- अंतःस्रावी अवरोधों को सीमित करें या उनसे बचें
8- एक्यूपंक्चर पर विचार करें
पीसीओएस ठीक नहीं हो सकता, लेकिन इसे शरीर का वजन पांच से 10 प्रतिशत तक कम कर और जीवनशैली में बदलाव लाकर प्रबंधित किया जा सकता है. साथ ही सक्रिय दिनचर्या बनाए रखना और स्वस्थ भोजन करना भी महत्वपूर्ण है. बदले में यह मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करेगा.
पीसीओडी एक महिला स्वास्थ्य से सम्बंधित प्रमुख मुद्दा है। आप कम से कम एक महिला को जानते होंगे जो इस विकार से प्रभावित है। हमारा आपको डराने का इरादा नहीं है, बल्कि हमारा उद्देश्य आपको इससे सचेत करना है।

Note – पीसीओडी से संबंधित अपनी चिंताओं और समस्याओं के लिए आज ही एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाएँ।

पीसीओ आहार, पीसीओ लक्षण, पीसीओ इलाज संभव है, पीसीओडी के लक्षण, PCOD Thik Hone Ke Lakshan in Hindi, पीसीओडी का इलाज संभव है, पीसीओडी क्या होता है, पीसीओडी का मतलब, पॉलीसिस्टिक अंडाशय आहार, PCOD Kyu Hota H

स्वास्थ्य से सम्बंधित आर्टिकल्स – 

  1. बीकासूल कैप्सूल खाने से क्या फायदे होते हैं, बिकासुल कैप्सूल के लाभ, Becosules Capsules Uses in Hindi, बेकासूल, बीकोस्यूल्स कैप्सूल
  2. शराब छुड़ाने की आयुर्वेदिक दवा , होम्योपैथी में शराब छुड़ाने की दवा, शराब छुड़ाने के लिए घरेलू नुस्खे , शराब छुड़ाने का मंत्र , शराब छुड़ाने के लिए योग
  3. कॉम्बिफ्लेम टेबलेट की जानकारी इन हिंदी, कॉम्बिफ्लेम टेबलेट किस काम आती है, Combiflam Tablet Uses in Hindi, Combiflam Syrup Uses in Hindi
  4. अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है, अनवांटेड किट खाने की विधि Hindi, अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम, अनवांटेड किट की कीमत
  5. गर्भाशय को मजबूत कैसे करे, कमजोर गर्भाशय के लक्षण, गर्भाशय मजबूत करने के उपाय, बच्चेदानी का इलाज, बच्चेदानी कमजोर है, गर्भाशय योग
  6. जिम करने के फायदे और नुकसान, जिम जाने से पहले क्या खाएं, जिम जाने के बाद क्या खाएं,  जिम जाने के फायदे, जिम जाने के नुकसान,  जिम से नुकसान
  7. माला डी क्या है, Mala D Tablet Uses in Hindi, माला डी कैसे काम करती है, Maladi Tablet, माला डी गोली कब लेनी चाहिए
  8. Unienzyme Tablet Uses in Hindi, Unienzyme गोली, यूनिएंजाइम की जानकारी, यूनिएंजाइम के लाभ, यूनिएंजाइम के फायदे,यूनिएंजाइम का उपयोग
  9. मानसिक डर का इलाज, फोबिया का उपचार, डर के लक्षण कारण इलाज दवा उपचार और परहेज, डर लगना, मानसिक डर का इलाज, मन में डर लगना
  10. हिंदी बीपी, उच्च रक्तचाप के लिए आहार, High Blood Pressure Diet in Hindi, हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए, हाई ब्लड प्रेशर डाइट
  11. क्या थायराइड लाइलाज है, थ्रेड का इलाज, थायराइड क्‍या है, थायराइड के लक्षण कारण उपचार इलाज परहेज दवा,  थायराइड का आयुर्वेदिक
  12. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट, वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट, बाबा रामदेव वेट लॉस डाइट चार्ट इन हिंदी, वेट लॉस डाइट चार्ट
  13. हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार, हाई ब्लड प्रेशर, बीपी हाई होने के कारण इन हिंदी, हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११०, बीपी हाई होने के लक्षण
  14. खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, पेट में भारीपन के लक्षण, पतंजलि गैस की दवा, पेट का भारीपन कैसे दूर करे, पेट में भारीपन का कारण
  15. योग क्या है?, Yoga Kya Hai, योग के लाभ, योग के उद्देश्य, योग के प्रकार, योग का महत्व क्या है, योग का लक्ष्य क्या है, पेट कम करने के लिए योगासन, पेट की चर्बी कम करने के लिए बेस्‍ट योगासन